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10 Feb 2020 · 1 min read

ये मौसम है सावन

उमड़-घुमड़ कर बादल आये बूम-बड़ाम-बड़ाम।
दुम दबाकर भागी गर्मी पारा हुआ धडाम।

सुबह सुहानी दोपहर सुन्दर प्यारी प्यारी शाम।
देशी लंगड़ा और दसहरी तरह तरह के आम।

बाग-बाग दिल हुए सभी के पेड़ों पर हैं झूले।
रिमझिम बारिश में सब बच्चे अपनी सुध-बुध भूले।

कोयल गाती मीठी लय में मेढक भी टर्राए।
रानी बहते पानी में कागज की नाव चलाए।

यह सब मस्ती देख बड़ों को याद आ रहा बचपन।
हम भी भीगें हम भी झूलें अभी नहीं वश में मन।

नाच मोर का ,मेघों की धुन सुमन-सृजित है उपवन।
महका चन्दन अब बहका मन यह मौसम है सावन ।

संजय नारायण

Language: Hindi
4 Likes · 353 Views
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