ये मोक्ष धाम
विधा – हाइकु
सुंदर मन।
हरे भरे है वन।
स्वस्थ जीवन।।
भौतिक सुख।
सब जी का जंजाल।
मोह अंजान।।
मन मोहिनी।
चंचल चितवन।
ये मोह जाल।।
निःस्वार्थ प्रेम।
प्रभु हरि दर्शन।
सत्संगी मन।।
काशी प्रयाग।
करो मोह का त्याग।
ये मोक्ष धाम।।
मोह सागर।
संयम रख मन।
होगा ये पार।।
ज्ञान का मार्ग।
उत्तम है विचार।
जीवन सार।।
संतोष बरमैया “जय”
कुरई, सिवनी, म.प्र.