“ये मां ही मिले”
हाथ पकड़ कर चलना सीखे,
माँ की ममता में,बोनी गलियां याद मुझे !
नींदों की डोरी,
माँ की एक-एक लोरी याद मुझे !
पड़ोसियों के ताने,
एक-एक चोरी याद मुझे !
डांटा फटका हर गलती पर,
वो माँ की समझाइश आज भी याद मुझे !
यदि करूँ पुकार ताज की,
तो माँ ला दे ताज मुझे !
इतने तो पाए हैं संस्कार,
माँ को न भूलू जब तक हैं याद मुझे !
मैं मांगू,एक ही आश मेरी,
ये माँ ही मिले जन्म जन्मों के बाद मुझे !!
@निल