ये बता दे तू किधर जाएंगे।
गज़ल
2122/1122/22(112)
ये बता दे तू किधर जाएंगे।
हम मुसाफिर हैं गुजर जाएंगे।1
देख लेंगे जो मुझे आईने,
टूटकर खुद ही बिखर जाएंगे।2
मुझको मरना भी अगर होगा कभी,
तेरी आंखों पे ही मर जाएंगे।3
छोड़कर गांव गली के रिश्ते,
हम कभी भी न शहर जाएंगे।4
आज प्रेमी जो है दुनियां की दशा,
देखकर लोग सिहर जाएंगे।5
………✍️ सत्य कुमार प्रेमी