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20 Jun 2022 · 1 min read

ये नई पीढ़ियां!

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आज की- ये नई-नई पीढ़ियां!
करती है अपनी ही मन मानी।
पढ़ाई से चिड़ लगती- इनको!
बनाती रहती है झूठी कहानी।।१।।
——–
सच! इन से कोसों दूर रहता!
झूठ! इनके मुंह पर ही रहता।
अच्छी बातें- इने बुरी लगती!
घुसा इनके नाक पर ही रहता।।२।।
——–
ये नई पीढ़ियां- माॅं की सुनती है!
पिता को नजरंदाज कर देती है।
माॅं की ममता और लाड़-प्यार!
इनके होंसले बुलन्द कर देती है।।३।।
——–
ये नई पीढ़ियां समझती नहीं है!
ये अपनी गलती मानती नहीं है।
कुसंगत का नशा हावी है इनपे!
बड़ो की बात भी सूनती नहीं है।।४।।
——–
इने ज्यादा डांट-फटकार की तो,
देती धोस- घर से भाग जाने की।
इनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो,
ये! देती है धमकी- मर जाने की।।५।।
——–
ये- अपना भविष्य बिगाड़ रहीं हैं!
सुधरने का नहीं कर रहीं है जतन।
लक्ष्य को भूल गई- ये नई पीढ़ियां!
ये! स्वयं का ही- कर रहीं है पतन।।६।।
——–
कौन समझाएं- इन पीढ़ियों को!
इनकी आवश्यकता है वतन को।
देश का भविष्य है ये नई पीढ़ियां!
कोई तो रोको- इन के पतन को।।७।।
******************************
रचयिता:*प्रभुदयाल रानीवाल* ====
====*उज्जैन{मध्यप्रदेश}*=======
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Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 1294 Views
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