ये ध्वज को नहीं झुकने दूंगा…
चाहे रोऊँ चाहे गांऊ,
चाहे कुछ भी हो जाऊं ।
चाहे देश की खातिर,
क्यूँ न फांसी पर चढ़ जाऊं ।।
ये ध्वज को नहीं झुकने दूंगा …
ये गर्व नहीं टूटने दूंगा…
चाहे रोऊँ चाहे गांऊ,
चाहे कुछ भी हो जाऊं ।
चाहे देश की खातिर,
क्यूँ न फांसी पर चढ़ जाऊं ।।
ये ध्वज को नहीं झुकने दूंगा …
ये गर्व नहीं टूटने दूंगा…