ये धुंध नहीं दीवाली की
ये धुंध नहीं दीवाली की
ये धुंध नहीं दीवाली की नहिंं कारण सिर्फ पराली है।
यहाँ कूड़ा-कचड़ा जले अहर्निश सोंच पुरानी वाली है।
अब पर्यावरण नया है बिल्कुल हवा कि रंगत काली है।
घटता जब ताप वायु का है यहाँ भूमिपुत्र को गाली है।
अल नीनो हो या ला नीना दोनों कर दे मुश्किल जीना।
अल नीनो लाता है सूखा अरु ला नीना लाती है बाढ़ ।
ग्रीन हाउस गैसों का स्वभाव जैसा अल नीनो प्रभाव।
मलेरिया,डेंगू,रिटवैली ज्वर बढ़ते अल नीनो आने पर।
अल नीनो की शुष्क परिस्थिति बनती वनों का काल।
पर्यावरण बचाओ साथी ! व्यर्थ में नहीं बजाओ गाल।