ये दुनिया बदल गई यारों
ये दुनिया बदल गयी यारों और बदला रंग जमाने का
पीने का ढंग ही बदल गया और बदला रंग पैमाने का ।
अब भगत सिंह, सुखदेव नही जो प्राण लुटाया करते थे
ना आज़ाद, प्रसाद और, उद्धम है जो खून बहाया करते थे ।
‘जोशी’ अब देश में सरेआम, आतंक के नारे लगते है
वोटों की राजनीती खातिर फिर देश के नेता बिकते है
अब दंगा करने वालो को दस लाख परोसे जाते है
जो मरे देश पर वो तो बस अब राम भरोसे जाते है।
जातिवाद के जहर में अब हर प्रान्त झुलसता है यारों
फिर भी वोटो की खातिर हर नेता बिकता है यारो।
बस कुछ बाकी है तो वो बस, न बदला खून जवानो का
जो हिन्द की रक्षा की खातिर रखते है जोश दीवानो का।
ये दुनिया बदल गयी यारो और बदला रंग जमाने का।।।