ये तन तो बस ईंधन है
ये तन तो बस ईंधन है,
स्वाहा होना निर्धारित है।
सत्य सनातन शाश्वत जो
उस ब्रह्म ज्ञान को पाएं
जीवन को मुक्ति मार्ग में अपने
सदा प्रवृत्त बनाएं।।
अहंकार का त्याग करें
प्रेम भाव संचार करें
रावण, कंस, न रहे यहाँ
न रहे कृष्ण और राम यहाँ
शुद्ध विचार आचरण रहें
आनन्द सदा, निःस्वार्थ बनें
अपनों पर ही क्यों प्रीत रहे
जीवन सबके साथ चले
आनन्द सदा चिरकाल रहे।।
— अनुज कुमार पाण्डेय