Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Aug 2024 · 1 min read

ये जो मीठी सी यादें हैं…

ये जो मीठी सी यादें हैं…
जीने के लिए वो काफ़ी है!
वैसे इस ज़िंदगी में अब,
उतना नहीं कुछ बाक़ी है…

… अजित कर्ण ✍️

1 Like · 32 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जो न चाहे दिल वही अपनाना पड़ता है यहाॅं
जो न चाहे दिल वही अपनाना पड़ता है यहाॅं
Manoj Mahato
मेरे सनम
मेरे सनम
Shiv yadav
वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं।
वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं।
Taj Mohammad
— मैं सैनिक हूँ —
— मैं सैनिक हूँ —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
बचपन में लिखते थे तो शब्द नहीं
बचपन में लिखते थे तो शब्द नहीं
VINOD CHAUHAN
जीवन की बगिया में
जीवन की बगिया में
Seema gupta,Alwar
"अनपढ़ी किताब सा है जीवन ,
Neeraj kumar Soni
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
Rj Anand Prajapati
चलो♥️
चलो♥️
Srishty Bansal
फितरत
फितरत
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
पुराना कुछ भूलने के लिए,
पुराना कुछ भूलने के लिए,
पूर्वार्थ
Affection couldn't be found in shallow spaces.
Affection couldn't be found in shallow spaces.
Manisha Manjari
जीवन में
जीवन में
ओंकार मिश्र
मेरे जीवन में जो कमी है
मेरे जीवन में जो कमी है
Sonam Puneet Dubey
प्रीत को अनचुभन रीत हो,
प्रीत को अनचुभन रीत हो,
पं अंजू पांडेय अश्रु
कैसे कहूँ किसको कहूँ
कैसे कहूँ किसको कहूँ
DrLakshman Jha Parimal
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
Ranjeet kumar patre
प्रेम और भय क्या है दोनों में क्या अंतर है। रविकेश झा
प्रेम और भय क्या है दोनों में क्या अंतर है। रविकेश झा
Ravikesh Jha
4216💐 *पूर्णिका* 💐
4216💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कभी-कभी ऐसा लगता है
कभी-कभी ऐसा लगता है
Suryakant Dwivedi
गर्दिश में सितारा
गर्दिश में सितारा
Shekhar Chandra Mitra
"जोकर"
Dr. Kishan tandon kranti
*अमर तिरंगा रहे हमारा, भारत की जयकार हो (गीत)*
*अमर तिरंगा रहे हमारा, भारत की जयकार हो (गीत)*
Ravi Prakash
****प्रेम सागर****
****प्रेम सागर****
Kavita Chouhan
नए वर्ष की इस पावन बेला में
नए वर्ष की इस पावन बेला में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कलम की दुनिया
कलम की दुनिया
Dr. Vaishali Verma
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
समय
समय
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए
फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए
Monika Arora
*सुप्रभातम*
*सुप्रभातम*
*प्रणय*
Loading...