ये जीवन है, उलझ जाने का नई
ये जीवन है ‘बनारसी’, हारने का नई,
कोई तुम्हें मारे तो क्या, कभी किसी को मारने का नई।
जीवन में प्यार करने का, निभाने का और प्यार बाँटने का,
कभी कोई प्यार से मिले तो दुत्कारने का नई।
लोग कुछ भी बोले ज्यादा विचारने का नई,
यही जीवन है ‘बनारसी’, हारने का नई।।