ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में
ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में
कह उठो धरा से तुम सांस जो आकाश में
बह रही हवा के संग सिंचती संगीत वो
तुम जो रुक गये फिर कहाँ मिले हाँ गीत वो
©️ दामिनी नारायण सिंह
ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में
कह उठो धरा से तुम सांस जो आकाश में
बह रही हवा के संग सिंचती संगीत वो
तुम जो रुक गये फिर कहाँ मिले हाँ गीत वो
©️ दामिनी नारायण सिंह