Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jul 2021 · 1 min read

ये ज़िंदगी इक कड़ा इम्तिहान है !

ये ज़िंदगी इक कड़ा इम्तिहान है !
•••••••••••••••••••••••••••••••••
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

सही मायने में ये ज़िंदगी इक कड़ा इम्तिहान है !
इस पृथ्वी पर जन्म से मरण तक सब परेशान है !
चाहे बचपन की उमंग हों या जवानी की तरंग हो !
हिसाब मांगता रहता हर पल तभी कोई मुकाम है !!

आनेवाला हर पल अटपटे सवालों से भरा होता !
एक को हल करता तो दूसरा कोई उलझ जाता !
सुलझने, उलझने का सिलसिला सतत् चलता जाता !
इम्तिहान की तरह समय भी इसका सदा नियत होता !!

सवालों को सुलझाते जाते, जीवन की नैया बढ़ती जाती !
दूर – दूर तक कोई भी किनारा नैनों को नज़र नहीं आती !
पतवार के सहारे ही मझधार से यह नैया है निकल पाती !
कड़े इम्तिहान से गुजरकर ही मंज़िल कुछ करीब आ पाती !!

कल क्या होने वाला है, ये आज तक हमें ख़बर ना हो पाती !
ऐसी ही अनिश्चितताओं के दौर से ये ज़िंदगी गुजरती जाती !
भले पहले से ही इस इम्तिहान की सारी तैयारियाॅं की जाती !
फिर भी इस इम्तिहान के कुछ प्रश्न अनसुलझी ही रह जाती!!

पर ये जरूरी नहीं कि इसके सारे प्रश्न ही हल किये जाएं !
ये ऐसा इम्तिहान है जिसके कुछ प्रश्न खुद ही सुलझ जाते !
इंसान अगर ना सुलझा पाए तो वक्त ही इसे सुलझा जाते !
ज़िंदगी के ख़त्म होते ही ये सारे प्रश्न खुद-ब-खुद मिट जाते !!

स्वरचित एवं मौलिक ।

अजित कुमार “कर्ण”
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 21-07-2021.
“””””””””””””””””””””””””””””
????????

Language: Hindi
8 Likes · 2 Comments · 902 Views

You may also like these posts

4473.*पूर्णिका*
4473.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरे राम उनके राम, हम सबके ही हैं राम!
मेरे राम उनके राम, हम सबके ही हैं राम!
Jaikrishan Uniyal
सवाल क्यों
सवाल क्यों
RAMESH Kumar
Narakasur Goa
Narakasur Goa
Sonam Puneet Dubey
दोहा सप्तक. . . . विविध
दोहा सप्तक. . . . विविध
sushil sarna
श्री राम !
श्री राम !
Mahesh Jain 'Jyoti'
अहोई अष्टमी का व्रत
अहोई अष्टमी का व्रत
Harminder Kaur
हमराही
हमराही
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
पवनपुत्र
पवनपुत्र
Jalaj Dwivedi
रंगों का राजा
रंगों का राजा
Sukeshini Budhawne
मां
मां
Phool gufran
घनघोर इस अंधेरे में, वो उजाला कितना सफल होगा,
घनघोर इस अंधेरे में, वो उजाला कितना सफल होगा,
Sonam Pundir
_कामयाबी_
_कामयाबी_
Ritu chahar
■आक्रोश की अभिव्यक्ति■
■आक्रोश की अभिव्यक्ति■
*प्रणय*
*अग्रोहा फिर से मिले, फिर से राजा अग्र (कुंडलिया)*
*अग्रोहा फिर से मिले, फिर से राजा अग्र (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मै कमजोर नहीं
मै कमजोर नहीं
Shutisha Rajput
" डिग्रियाँ "
Dr. Kishan tandon kranti
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
Keshav kishor Kumar
जान लो पहचान लो
जान लो पहचान लो
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मैं उन लोगों से उम्मीद भी नहीं रखता हूं जो केवल मतलब के लिए
मैं उन लोगों से उम्मीद भी नहीं रखता हूं जो केवल मतलब के लिए
Ranjeet kumar patre
मगर हे दोस्त-----------------
मगर हे दोस्त-----------------
gurudeenverma198
कहो तो..........
कहो तो..........
Ghanshyam Poddar
वह कौन सा नगर है ?
वह कौन सा नगर है ?
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
यें लो पुस्तकें
यें लो पुस्तकें
Piyush Goel
******छोटी चिड़ियाँ*******
******छोटी चिड़ियाँ*******
Dr. Vaishali Verma
दुःख का भी अधिकार होता है
दुःख का भी अधिकार होता है
meenu yadav
तारीफ किसकी करूं किसको बुरा कह दूं
तारीफ किसकी करूं किसको बुरा कह दूं
डॉ. दीपक बवेजा
घनाक्षरी
घनाक्षरी
seema sharma
शोक संवेदना
शोक संवेदना
Sudhir srivastava
दे दो
दे दो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...