ये खुशी
ये खुशी तुम तो बात – बात पर
मुझे छोड़कर क्यों चली जाती है
आखिर तुम किस बात पर
इतना अकड़ दिखाती है
मेरा तो कोई कसूर भी न था
फिर भी तुम नाराज हो गई
मै लाख मनाती रही और तुम
मेरी जिन्दगी से रूठ कर चली गई
इससे अच्छा तो गम ही है
जो कोई अकड़ भी न दिखाता है
लाख बुरा भला कहू मै इसे
पर यह है जो मुझे छोड़कर
जाने का नाम नही लेता है।
~अनामिका