” ये क्या हो गया भाया”
रिश्ता था अनदेखा ,
पंडित जी ने पतरी देखा ,
गुण – दोष का था लेखा – जोखा ।
ये क्या हो गया भाया❓
दीदी ने दुल्हन को सजाया ,
सखियों ने मंडप तक लाया ,
पंडित जी ने मंत्र फूंका ।
ये क्या हो गया भाया❓
भाभी ने गढबंधन कराया ,
पति-पत्नी को सात वचन रटाया ,
फिर धर्म का बंधन बंध गया ।
ये क्या हो गया भाया❓
मां – पापा ने कन्यादान दिया ,
ससुर ने बहू नहीं बेटी बोल अपनाया ,
दुल्हन ने दो – दो परिवार पाया ।
ये क्या हो गया भाया ❓
भाईयों ने डोली में बैठाया ,
कहारो ने ससुराल पहुंचाया ,
दुल्हन को गृह प्रवेश कराया ,
अन्नपूर्णा और लक्ष्मी का रूप बताया ।
ये क्या हो गया भाया❓
दुल्हन को न काम आया ,
सासू से फिर बन ना पाया ,
तानें मार मां का रूलाया ।
ये क्या हो गया भाया❓
दुल्हनियां ने खुद को न माहोल्ल में ढाला ,
पति-पत्नी में भी अनबन हो आया ,
एक दूजे को समझ न पाए ,
हालात तालाक पर ले आया ।
ये क्या हो गया भाया❓
धर्म का बंधन कानून तक आया ,
किसी ने दोनों को नहीं समझाया ,
अब सब था खत्म होने पर आया ।
ये क्या हो गया भाया❓
आंखों ने अश्रुधरा बहाया ,
जहां था झुक कर मान जाना ,
वहां क्रोध ने रिश्ते का कत्ल कर डाला ।
ये क्या हो गया भाया ❓
? धन्यवाद ?
✍️ ज्योति ✍️
नई दिल्ली