*** ये क्या कम है **
मत दुखी हो अपने अभावों से
अभावों में भी भाव छुपा होता है
देनेवाले ने जो ग़म दिए हैं तुझको
वो भी किसी उपहार से कम नहीं
दुनियां की खुशियाँ मिले ना मिले
ईश्वर उपहार मिला ये क्या कम है
चुनते नहीं यूं ही किसी जन को
तुम्हें चुना उसने ये क्या कम है ।।
?मधुप बैरागी