Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Mar 2022 · 1 min read

ये कैसी जीत है

ये कैसी जीत है, छीन गई सबकुछ
हर तरफ मौत है, चीख पुकार है
उजड़े आशियाने मांग रहे है इंसाफ
ये तेरी जीत नहीं,मानवता की हार है।।

मना रहा जश्न किस बात का आज
सबका कुछ न कुछ खो गया है
थी हमको उम्मीद सिर्फ जिससे
वो खुदा भी आज मुंह मोड़ गया है।।

मंज़र है ये भयावह, हंसते खेलते शहर
आज राख के ढेर में बदल गए है
जमींदोज हो गए है स्कूल कॉलेज भी
उनमें पढ़ने वाले बच्चे जाने किधर गए है।।

लुट गया सबकुछ ताउम्र कमाया था जो
जल गया घर, बड़े अरमानों से बनाया था जो
फिर भी जश्न मना रहे हो तुम किस बात का
जान तो गवां बैठा वो भी तेरे साथ आया था जो।।

था नहीं वो ताकत का प्रदर्शन
चोट मानवता को पहुंचा रहा था
दिखा नहीं तुझको मलवे में वो
जो ज़ख्मी हालत में कराह रहा था।।

कर रहा शर्मसार मानवता को और भी
जो अपनी ताकत से मासूमों पर ज़ुल्म ढा रहा
भूख से बिलखते ज़ख्मी बच्चों पर भी
जाने तुमको क्यों तरस नहीं आ रहा।।

हमला हुआ फितूर का समझने की ताकत पर तेरी
सज़ा मिल रही मासूमों को, इस हिमाकत की तेरी
दिए है ज़ख्म ऐसे तुमने, नहीं भरेंगे ताउम्र जो
नहीं माफ करेगी दुनिया तुझे सुन ले ये बात मेरी।।

Language: Hindi
7 Likes · 2 Comments · 356 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all
You may also like:
हम अभी
हम अभी
Dr fauzia Naseem shad
जल बचाओ , ना बहाओ
जल बचाओ , ना बहाओ
Buddha Prakash
❤️एक अबोध बालक ❤️
❤️एक अबोध बालक ❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बरसात
बरसात
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
स्वयं की खोज कैसे करें। - रविकेश झा
स्वयं की खोज कैसे करें। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
राष्ट्रीय किसान दिवस : भारतीय किसान
राष्ट्रीय किसान दिवस : भारतीय किसान
Satish Srijan
तनहा विचार
तनहा विचार
Yash Tanha Shayar Hu
मां बाप के मरने पर पहले बच्चे अनाथ हो जाते थे।
मां बाप के मरने पर पहले बच्चे अनाथ हो जाते थे।
Rj Anand Prajapati
मेरी फितरत तो देख
मेरी फितरत तो देख
VINOD CHAUHAN
स्वयं अपने चित्रकार बनो
स्वयं अपने चित्रकार बनो
Ritu Asooja
भावों का भोर जब मिलता है अक्षरों के मेल से
भावों का भोर जब मिलता है अक्षरों के मेल से
©️ दामिनी नारायण सिंह
लेकर सांस उधार
लेकर सांस उधार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
ऐ मेरी जिंदगी
ऐ मेरी जिंदगी
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
सत्य को सूली
सत्य को सूली
Shekhar Chandra Mitra
4013.💐 *पूर्णिका* 💐
4013.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*आध्यात्मिक साहित्यिक संस्था काव्यधारा, रामपुर (उत्तर प्रदेश
*आध्यात्मिक साहित्यिक संस्था काव्यधारा, रामपुर (उत्तर प्रदेश
Ravi Prakash
परिस्थितियां बदलती हैं हमारे लिए निर्णयों से
परिस्थितियां बदलती हैं हमारे लिए निर्णयों से
Sonam Puneet Dubey
ସକାଳ ଚା'
ସକାଳ ଚା'
Otteri Selvakumar
चक्रवृद्धि प्यार में
चक्रवृद्धि प्यार में
Pratibha Pandey
कोई यहां अब कुछ नहीं किसी को बताता है,
कोई यहां अब कुछ नहीं किसी को बताता है,
manjula chauhan
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जनक देश है महान
जनक देश है महान
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
शुभ दीपावली
शुभ दीपावली
Harsh Malviya
🙅Don't Worry🙅
🙅Don't Worry🙅
*प्रणय प्रभात*
दुनिया में कहीं से,बस इंसान लाना
दुनिया में कहीं से,बस इंसान लाना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
महाकाल महिमा
महाकाल महिमा
Neeraj Mishra " नीर "
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
कोई किसी के लिए कितना कुछ कर सकता है!
कोई किसी के लिए कितना कुछ कर सकता है!
Ajit Kumar "Karn"
"हटकर"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी नजरें मिलाते हैं कभी नजरें चुराते हैं।
कभी नजरें मिलाते हैं कभी नजरें चुराते हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Loading...