ये कैसी आस्था?
वह शख़्स ख़ुद अपनी
चेतना का क़ातिल है!
जो किसी भी उन्मादी
भीड़ में शामिल है!!
एक ट्वीट मात्र से
कांप जाए जो आस्था
क्या सचमुच ही वह
बचाने के काबिल है!!
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