ये कैसा गणतन्त्र है?
राजलोभ के जहर में डूबा, देश का सारा तन्त्र है,
पुरुषोत्तम की धरती पर, विवश पड़ा सब मन्त्र है।
देशभक्त के नाम पर, अन्धभक्त उत्पन्न हो रहे,
भारत माँ अपनों से घायल, ये कैसा गणतन्त्र है?
राजलोभ के जहर में डूबा, देश का सारा तन्त्र है,
पुरुषोत्तम की धरती पर, विवश पड़ा सब मन्त्र है।
देशभक्त के नाम पर, अन्धभक्त उत्पन्न हो रहे,
भारत माँ अपनों से घायल, ये कैसा गणतन्त्र है?