ये कैसा इंतजार
ये कैसा इंतजार
ये कैसा है इंतजार?
दिल को तेरा ही इंतजार।
बीता सावन बीती रैना,
तेरी याद में छलके नैना।
रो-रो कर दिल तुझे पुकारे,
अब तो आ जाओ मेरे प्यारे।।
विरह वेदना सही न जाए,
व्यथा हृदय की कही न जाए।
कोमल सेज भी लगे कंटीले,
तन भी हो रहे पीले-पीले।।
अब और मुझे तुम न तरसाओ,
जल्दी पास मेरे आ जाओ।
विचलित तप्त हृदय पर किंचित्
प्रेम सुधा को तुम बरसाओ।।
धीमी पड़ रही श्वास गति,
फिर भी है विश्वास अति।
जल्दी ही तुम आओगे,
प्रेम का गीत सुनाओगे।।
सूनी बगिया करे पुकार,
आ जाओ प्रियतम एक बार।
दिल को तेरा ही इंतजार।।
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रचना- पूर्णतः मौलिक एवं स्वरचित
निकेश कुमार ठाकुर
गृहजिला- सुपौल
संप्रति- कटिहार (बिहार)
सं०-9534148597