ये किस्तम नहीं तो और क्या है?
जब आर्थिक संकट से यह देश जूझ रहा था,
तब हमारे मुखिया को आधुनिक सुविधाओं से लैस वायु यान चाहिए था!
सारा जहां जब महामारी से हलकान हुआ जा रहा था,
तब हमारे माननीय को भव्य भवन का आसियाना चाहिए था!
जब देश में राष्ट्रीय आपदा को घोषित किया गया,
तब हमारे रहनुमाओं को आपदा में अवसर तलाशने का मौका मिला!
हमारे माननीयों के पास जब सेवा का अवसर था,
तब उन्होंने अपने को अपने भवनों में आईसुलेट किया!
जब हमारे नौजवान खाली हाथ घुम रहे थे,
तब हमारे देश के धनाढ्य परिवारों की आय में इजाफा हुआ!
ये किस्तम नहीं तो और क्या है हुजूर!
जब हमारे नागरिकों को पेट की आग सताने लगी,
तब हमें धडी भर अनाज का आश्रय मिला!
जब हमारे नागरिकों को जीवन बचाने का संकट था,
तब उन्हें मुफ्त वैक्सीन का ढिंढोरा मिला!
जब हम रोजमर्रा की जरूरतों को भटक रहे थे,
तब उन्हें घर बैठे ही हर सुख सुविधाओं का सौभाग्य मिला!
आम इंसान आज भी जूझ रहा है महंगाई की मार से,
उन्हें कभी अभावों का अहसास ही ना हुआ!
ये किस्तम नहीं तो और क्या है हुजूर!
उन्हें जन्नत की आरजू थी,
तो जन्नत नसीब हुई,
हमें दो जून की रोजी-रोटी की तमन्ना थी,
हमें धडी भर अनाज की पोटली मिली!