Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2017 · 1 min read

ये कहाँ से आ गयी बहार है

ये कहाँ से
आ गयी बहार है,
बंद तो
मेरी गली का द्वार है।

ख़्वाहिशें टकरा के
चूर हो गयीं,
हसरतों का दर्द
अभी उधार है।

नफ़रतों के तीर
छलनी कर गए ज़िगर ,
वक़्त लाएगा मरहम
जिसका इंतज़ार है।

बदल गए हैं
इश्क़ के अंदाज़ अब,
उल्फतों का
सज गया बाज़ार है।

अरमान बिखर जाएँ तो
संभाल लेना दिल,
छीनता है एक
वो देता हज़ार है।

टूटते हैं रोज़-रोज़
तारे आसमान में,
“रवीन्द्र ” को तो
ज़िन्दगी से प्यार है।

– रवीन्द्र सिंह यादव

यह रचना मेरे यू ट्यूब चैनल( मेरे शब्द–स्वर) पर उपलब्ध है.

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 298 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मनांतर🙏
मनांतर🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह जी से 'मुरादाबाद मंडलीय गजेटिय
*मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह जी से 'मुरादाबाद मंडलीय गजेटिय
Ravi Prakash
अमीरी गरीबी
अमीरी गरीबी
Pakhi Jain
"वीर सेनानी"
Shakuntla Agarwal
"सपना"
Dr. Kishan tandon kranti
ৰাতিপুৱাৰ পৰা
ৰাতিপুৱাৰ পৰা
Otteri Selvakumar
अब मुझे यूं ही चलते जाना है: गज़ल
अब मुझे यूं ही चलते जाना है: गज़ल
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
#छंद के लक्षण एवं प्रकार
#छंद के लक्षण एवं प्रकार
आर.एस. 'प्रीतम'
वक्त आने पर सबको दूंगा जवाब जरूर क्योंकि हर एक के ताने मैंने
वक्त आने पर सबको दूंगा जवाब जरूर क्योंकि हर एक के ताने मैंने
Ranjeet kumar patre
#कबित्त
#कबित्त
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
दो पल की खुशी और दो पल का ही गम,
दो पल की खुशी और दो पल का ही गम,
Soniya Goswami
इंसान को इंसान ही रहने दो
इंसान को इंसान ही रहने दो
Suryakant Dwivedi
पानी से आग बुझाने की ....
पानी से आग बुझाने की ....
sushil sarna
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
Shashi kala vyas
इंसानियत
इंसानियत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ग़ज़ल- रोज़ बीवी लड़े पड़ोसन से
ग़ज़ल- रोज़ बीवी लड़े पड़ोसन से
आकाश महेशपुरी
पिछले पन्ने भाग 2
पिछले पन्ने भाग 2
Paras Nath Jha
जमाना है
जमाना है
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
*चक्रव्यूह*
*चक्रव्यूह*
Pallavi Mishra
भ्रम
भ्रम
Mukund Patil
सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं।
सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं।
Manisha Manjari
सुलेख
सुलेख
Rambali Mishra
हवा तो आज़ भी नहीं मिल रही है
हवा तो आज़ भी नहीं मिल रही है
Sonam Puneet Dubey
पत्थर
पत्थर
Shyam Sundar Subramanian
जीवन का जाप
जीवन का जाप
Madhuri mahakash
Don't break a bird's wings and then tell it to fly.
Don't break a bird's wings and then tell it to fly.
पूर्वार्थ
जीवन रथ के दो पहिए हैं, एक की शान तुम्हीं तो हो।
जीवन रथ के दो पहिए हैं, एक की शान तुम्हीं तो हो।
सत्य कुमार प्रेमी
कैसे रखें हम कदम,आपकी महफ़िल में
कैसे रखें हम कदम,आपकी महफ़िल में
gurudeenverma198
मुक्ति कैसे पाऊं मैं
मुक्ति कैसे पाऊं मैं
Deepesh Dwivedi
बस मुझे मेरा प्यार चाहिए
बस मुझे मेरा प्यार चाहिए
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
Loading...