जो दिल हैं मीत विरह के
जो दिल हैं मीत विरह के
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मिल-मिल के ढ़ल जाते हैं,आज मिले कल जाते हैं।
जो दिल हैं मीत विरह के,फिर गीत गज़ल गाते हैं।।
साथ बिताए जीवन पल,करते रहते हैं हलचल।
सपना बनके आते हैं,खुश करते हैं कभी विकल।
आकर क्यों सब जाते हैं,क्यों हाल बदल जाते हैं।
मिल-मिल के ढ़ल जाते हैं,आज मिले कल जाते हैं।
जो दिल हैं मीत विरह के,फिर गीत गज़ल गाते हैं।।
फूल खिलें फिर झर जाए,प्यार मिले फिर हर जाए।
धूप खिले हो छाँव कभी,हाँ!शब बीत सहर आए।
आना-जाना खेल बना,सुख-दुख भी बदल जाते हैं।
मिल-मिल के ढ़ल जाते हैं,आज मिले कल जाते हैं।
जो दिल हैं मीत विरह के,फिर गीत गज़ल गाते हैं।।
मीत मिलें जग जीत चलें,प्रीत खिले तो गीत चलें।
चलना जीवन है प्यारे,चलते-चलते रीत चले।
देख दिलों का बंधन तू,बिछुड़े यार रुलाते हैं।
मिल-मिल के ढ़ल जाते हैं,आज मिले कल जाते हैं।
जो दिल हैं मीत विरह के,फिर गीत गज़ल गाते हैं।।
प्रीतम काजल बनके तू,सज आँखों में ढ़लके तू।
दिल की तू ही तमन्ना हैं,जाना मत रे! छलके तू।
देख वफ़ा तो जीती है,मिल दिल यार मिलाते हैं।
मिल-मिल के ढ़ल जाते हैं,आज मिले कल जाते हैं।
जो दिल हैं मीत विरह के,फिर गीत गज़ल गाते हैं।।
–आर.एस.प्रीतम
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