ये अपनी हिंदी – हिंदी गीत
हिंदी-गीत
शीर्षक – ” ये अपनी हिंदी ”
ध्वजा हिंदी की लहरायी ।
दिशा ज्ञान की दिखलायी ।।
सरल ,सौम्य और सहज भी है ।
ताल में खिलता जलज भी है ।।
ये अपनी हिंदी ,ये अपनी हिंदी ।
ये अपनी हिंदी ,ये अपनी हिंदी ।।
माथे का ये तिलक भी है ।
हे उजाला ,दीपक भी है ।।
शब्द-शब्द संसार गढ़ें ।
हिंदी को हम लोग पढ़ें ।।
ये अपनी हिंदी ,ये अपनी हिंदी ।
ये अपनी हिंदी ,ये अपनी हिंदी ।।
करें स्वप्न साकार ये अब ।
हिंदी में व्यवहार हो सब ।।
क़सम यही खायी है ।
हिंदी अपनी माई है ।।
ये अपनी हिंदी ,ये अपनी हिंदी ।
ये अपनी हिंदी ,ये अपनी हिंदी ।।
रचनाकार –
©डॉक्टर वासिफ़ काज़ी ,इंदौर
28/3/2 ,अहिल्या पल्टन ,इंदौर
जिला – इंदौर ,मध्यप्रदेश
भ्रमणभाष – 6260232309
©काज़ीकीक़लम