Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Keshav kishor Kumar
11 Followers
Follow
Report this post
12 Aug 2024 · 1 min read
यें जो तेरे-मेरे दरम्यां खाई है
यें जो तेरे-मेरे दरम्यां खाई है
तूं बता ये किसने बनाई है ?
-केशव
Tag:
Quote Writer
Like
Share
69 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
हवा-बतास
आकाश महेशपुरी
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
कृष्णकांत गुर्जर
कारोबार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
अपने दिल से
Dr fauzia Naseem shad
मन के मीत
Ramswaroop Dinkar
प्रिय भतीजी के लिए...
डॉ.सीमा अग्रवाल
RAKSHA BANDHAN
डी. के. निवातिया
संकोची हर जीत का,
sushil sarna
दुनिया के हर क्षेत्र में व्यक्ति जब समभाव एवं सहनशीलता से सा
Raju Gajbhiye
गांव में जब हम पुराने घर गये,
पंकज परिंदा
।।
*प्रणय*
सरसी छन्द
Dr.Pratibha Prakash
खूबसूरती
Mangilal 713
- गहलोत अब तेरा क्या होगा -
bharat gehlot
सोहर
Indu Singh
अपनी भूल स्वीकार करें वो
gurudeenverma198
"अक्षर"
Dr. Kishan tandon kranti
4763.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बड़ी अदा से बसा है शहर बनारस का
Shweta Soni
तूझे क़ैद कर रखूं ऐसा मेरी चाहत नहीं है
Keshav kishor Kumar
कोई फरिश्ता ही आयेगा ज़मीन पर ,
Neelofar Khan
माँ
Dr Archana Gupta
*सीखो खुद पर हंसना*
ABHA PANDEY
वीर अभिमन्यु– कविता।
Abhishek Soni
बात बराबर हैं
Kumar lalit
जितनी बार भी तुम मिली थी ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
छठी माई से बनी हम। चले जेकरा से दुनिया सारी।
Rj Anand Prajapati
मन से जंग जारी है।
Meera Thakur
आस्था का नाम राम
Sudhir srivastava
*अति प्राचीन कोसी मंदिर, रामपुर*
Ravi Prakash
Loading...