यूक्रेन की वीरता को नमन
बहुत प्रभावित हुए हम ,
इस यूक्रेन की बहादुरी देखकर ।
राष्ट्रपति हों या देशवासी ,
खड़े है किस तरह कफन बांधकर ।
इनकी वीरता यह शोर्य को ,
प्रणाम करते है हम नतमस्तक होकर।
परिस्थितियों से डिगने वाले नहीं ,
खड़े हैं शत्रु के आगे सीना तानकर ।
१ इंच भी जमीन नहीं देंगे ,
लडेंगे जरूर ,नहीं बैठेंगे थक हारकर।
किसी को मदद के लिए पुकारें ,
ऐसे कमज़ोर हम नहीं ,
छोड़ कर भाग जाएं अपना देश ,
ऐसे कायर भी हम नहीं।
हमारा स्वाभिमान ,हमारा देश है ,
हमारी जान से बढ़कर ।
यही भावना ,यही कर्तव्य निष्ठता ,
जन जन के ह्रदय से उमड़ रही है।
आंखों से आंसुओं के संग देखो ,
क्रोध की ज्वाला भी धधक रही है।
निकले है जो घर से बलिदान का प्रण लेकर।
ऐसे में एक भारतीय बाला भी ,
अपने देश का नाम रोशन कर रही है ।
करके एक सैनिक के परिवार की रक्षा और देखभाल,
अपना इंसानियत का फर्ज निभा रही है।
एक प्रण उसने भी लिया फर्ज की राह में,
भारत का मस्तक ऊंचा करेगी गर्व से,
अपने प्राण गंवाकर ।
धन्य है यूक्रेन के बहादुर देशवासी ,
धन्य उनका राष्ट्रपति
जो खड़ा है जंग में उनके साथ ,
कंधे से कंधा मिलाकर ।
धन्य है वोह बहादुर बाला भी ,
जो नहीं भागी अपने फर्ज से मुंह मोड़कर।
नतमस्तक होकर ही अब यह दुआ ,
करने का जी चाहता है हमारा ।
ईश्वर इनकी वीरता का पुरस्कार दे अतिशीघ्र ,
इनके सर से दुख और संघर्ष के बादल हटाकर।
और इन्हें हिम्मत दें की कामयाब हो जाएं,
अपने शत्रु को अपने देश से सदा के लिए खदेड़कर।