यूं हुस्न की नुमाइश ना करो।
यूं हुस्न की नुमाइश ना करो।
नजरे है बड़ी खराब आजमाइश ना करो।।1।।
इश्क तो होता है अपने आप।
खुदको झुकाके इश्के गुज़ारिश ना करो।।2।।
मानते है महफिल ए जान हो।
बिगड़ जायेंगें दिल यूं नवाज़िश ना करो।।3।।
नूरे कमर को भी दाग मिला है।
पास आकर यूं दिल ए पैमाइश ना करो।।4।।
बच्चा है चांद मांगता है मां से।
जो मिले ना यूं उसकी ख्वाहिश ना करो।।5।।
यूं अंजानों पे ऐतबार ना करो।
जो राज की बातें है उन्हें ज़ाहिर ना करो।।6।।
खुदा है रहमतों का मालिक।
वो है सबका इंसा से फरमाइश ना करो।।7।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ