यूं ही नहीं मैंने तेरा नाम ग़ज़ल रक्खा है, यूं ही नहीं मैंने तेरा नाम ग़ज़ल रक्खा है, बस दिल ख़ाक करना पड़ता है, शायर बनने के लिए!!