*यूं सताना आज़माना छोड़ दे*
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बाल छत पे यूं सुखाना छोड़ दे।
चल पुराना ये ठिकाना छोड़ दे।
यूं सताना आज़माना छोड़ दे।
बेबसी झूठा बहाना छोड़ दे।
ये अदा बस मार डालेगी हमें,
देख यूं तबस्सुम चबाना छोड़ दे।
छोड़ दी दुनिया है तेरे वास्ते,
हमारे लिए तू ज़माना छोड़ दे।
तू चले आना कभी दिल में मिरे,
और कहीं आना जाना छोड़ दे।
प्रेम की दौलत कहीं खो जाए ना,
और बाकी सब खज़ाना छोड़ दे।
आग जो भीतर लगी है बुझे ना,
बेवजह लौ को बुझाना छोड़ दे।
नाम तेरा साथ मेरे है जुड़ा,
आशिकी में यश घटाना छोड़ दे।
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सुधीर कुमार
सरहिंद फतेहगढ़ साहिब पंजाब