यूं रो कर ना विदा करो।
यूं रो कर ना विदा करो हम जा ना पाएंगें।
तेरे अश्क मेरे पैरों की ज़ंजीर बन जायेंगे।।1।।
बड़ी मुश्किल से संभाला है इस दिल को।
जानें दो फिर जल्दी घर लौट कर आएंगे।।2।।
हमको याद कर के कभी रोना नही तुम।
वर्ना हम सुकून से कहीं पे ना रह पायेंगे।।3।।
दिल तो करता है हमेशा पास रहूं मैं तेरे।
पर बिना दौलत के ये घर कैसे चलाएंगे।।4।।
तेरी सब बातों को हम हमेशा याद रखेंगें।
दिल को तेरा अहसास हरवक्त कराएंगे।।5।।
ये दिल तुम्हें पल भर के लिए ना भूलेगा।
तुम्हारे वजूद में कुछ यूं हम ढल जायेगें।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ