यूं तो हमेशा से ही
यूं तो हमेशा से ही
अभाव रहा है शब्दों का
पास मेरे, पर आज
मौन सजाकर अधरों पर
जो शब्द थे बचे खुचे
छोड़ आए उन्हें हम पास तेरे
चाहो तो रखकर अपने पास उन्हें
बुन लो कोई प्रेम काव्य या
कर लो अब मेरा मौन स्वीकार।
❤️
यूं तो हमेशा से ही
अभाव रहा है शब्दों का
पास मेरे, पर आज
मौन सजाकर अधरों पर
जो शब्द थे बचे खुचे
छोड़ आए उन्हें हम पास तेरे
चाहो तो रखकर अपने पास उन्हें
बुन लो कोई प्रेम काव्य या
कर लो अब मेरा मौन स्वीकार।
❤️