यूँ क़िस्से को नया इक मोड़ दिया
22 + 22 + 22 + 22 + 2
वो दिल तोड़े, मैंने जोड़ दिया
यूँ क़िस्से को नया इक मोड़ दिया
उसने इस्तेमाल किया इश्क़ में
फिर लाचार समझ के छोड़ दिया
फ़िक्र उसे थी कहाँ रुस्वाई की
महफ़िल में ही हाथ मरोड़ दिया
यूँ दिल से ग़रीब रहे हरदम वो
बेशक़ पैसा रब ने करोड़ दिया
पैरों से फूल कुचल कर उसने
अक्सर प्यार भरा दिल तोड़ दिया
दो राहे पे अक्सर दौलत ने
बदक़िस्मत का मुक़द्दर फोड़ दिया