यूँ मजाक ना बनाते है।
यूँ मजाक ना बनाते हैं किसी की गरीबी का।
तुमको बताई थी बात समझकर करीबी का।।1।।
तुम भी हसे औरों की तरह मेरी जिंदगी पर।
तुम से तो रिश्ता था हमारा गहरा दोस्ती का।।2।।
खुदा तुझको और दे इस दुनिया में शोहरतें।
ये तो खेल है सबकी जिंदगी में नसीबी का।।3।।
ऐ इंसान ना हो परेशा खुदा देता है सब को।
मत लाना यूँ खुद में अहसास कमतरी का।।4।।
रूहानी है उसकी रूह ए मोहब्बत दिल की।
क्या बतलाये इश्क में उसकी आशिकी का।।5।।
पढ़ लिखकर हर कोई जहीन होता नही है।
कितनों ने पेश किया है नमूना जाहिली का।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ