यूँ इस तरह से…
तुम इस तरह से ..सताओगे..
तो वफ़ा कौन करेगा…2
बनके हमदर्द रहेंगे …2
ज़माने के दुःख-दर्द सहेंगे…ज़माने के दुःख दर्द सहेंगे…
है क्या याद तुझे वो..
वादे मुझसे यूँ किये थे…..2
तुम इस तरह से …सताओगे …..2
तो वफ़ा कौन करेगा…2
आज हैरान हूं मैं पाकर….. ख़ुदको…
तू परेशां है क्यूँ खोकर …मुझको…
वक़्त बेवक़्त की तन्हाई ..
इसे कौन सहेगा…..2
तुम इस तरह से …..सताओगे…2
तो वफ़ा कौन करेगा….2
तुमको क्या याद है..उस दिन की क़सम…2
हम निभायेंगे दुनिया भर की रसम…2
रस्में वो प्यार की मुझसे…2
भला अब कौन करेगा ….2
तुम इस तरह से…सताओगे…2
तो वफ़ा कौन करेगा ..2…तो वफ़ा कौन करेगा ….2
आर एस बौद्ध “आघात”
अलीगढ़