युही बीत गया एक और साल
युही बीत गया एक और साल
पर सफर रहा है बेमिसाल
अपनो ने इतना सिख दिया
हो बुरा वक्त यदि अपना
जब पुरा ना हो कोई सपना
और बिखरे टूटे मन को लेकर
ढूढ़े जो सहारे इधर उधर
ना मिलेगा कोई भी अपना
सब जख़्म को और कुरेदेंगे
ठोकर देकर मजे लेंगे
पूछेंगे फिर तुम्हारा हाल?
युही बीत गया एक और साल. ……
यदि हो भावुक मानव जैसे
सबको लेकर चलना जैसे
हो साथ सहज संबंधो का
जब संकट का क्षण आएगा
पहचान तभी हो जायेगा
टूटेंगा सारा भरम जाल
युही बीत गया एक और साल. ………