युवा सोच
युवा सोच
बेरोज़गारी की मार सब को निगल रही,
ना सरकारी ना खुद जिम्मेदार बता रही ।
नौजवान नौकरी के लिए खूब दौड़ रहे,
जनसंख्या ज्यादा काम कम इसलिए दौड़ रहे।
हर हाथ काम मिले यह ख्वाहिश है मेरी,
भूखा नंगा ना रहे यह ख्वाहिश है मेरी।
साहब दो दिन की जिंदगी में क्या करें,
काम करे मौज ले जिंदगी में क्या करें।
शादी में अड़चन है बिना रोजगार,
लड़की ज्यादा पढ़ी हैं है रोजगार।
शिक्षा की ज्योति जगानी होगी दिन रात,
खान मनजीत तब जाकर बनेगी कोई बात।
खान मनजीत भावड़िया मजीद
गांव भावड़ तहसील गोहाना
सोनीपत हरियाणा