युवा शक्ति का आह्वान
उठो देश के नवजवानो
ख्बाव की दुनिया से निकल
यथार्थ के धरातल पर चित्त धरो
तुम कर्मठ बलशाली हो
तुम देश के गौरव हो
तुम से ही है भविष्य देश का
शक्ति और सामर्थ देश का
त्याग करो तन से आलस्य का
त्याग करो मन से व्यसन का
ऐसा कोई काम नहीं
जो न तुम कर पाओ
अपनी शक्ति को पहचानों
पहले अपनी मेधा को तुम जानो
बन आत्मनिर्भर तू
आगे बढ़
कर्म पथ पर चलता चल
अपना विकास तू करता चल
तू बढे़गा देश बढे़गा
विश्व में अपना नाम बढे़गा
अपनी मेहनत से ऊंचा कर भाल देश का
नतमस्तक हो सारी दुनिया
और मान बढे़ देश का
डां. अखिलेश बघेल
दतिया (म.प्र.)