युवा व राष्ट्र
युवा ऊर्जा की खान हैं,
राष्ट्र शक्ति की शान हैं,
युवा तूफ़ां की राह मोड़ दें,
ऐसे अडिग चट्टान हैं।
युवा जागे तो मान है,
सरहद की आन बान है,
रग रग में शोणित भर देता,
धड़कन में राष्ट्र गान है।
उज्ज्वल कल की तान है,
अरि मर्दन की बान है,
युवा शक्ति से पाहन पिघले,
पूरे विश्व को भान है।
युवा समाज उत्थान हैं,
लोकहित हथेली जान है,
नापाक इरादे हैं विफल,
जब खड़े इनके कान हैं।
काम क्रोध का ज्ञान है,
मानव भक्ति की ठान हैं,
नभ में भी राह बनाते हैं,
हौसलों में जिनके जान है।
युवा सुधरे तो शान है,
समाज को स्वर्णिम दान है,
जिस देश में युवा नैतिक,
वही तो देश महान हैं।
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अशोक शर्मा,कुशीनगर,उ.प्र.
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