युवा कवि नरेन्द्र वाल्मीकि की समाज को प्रेरित करने वाली कविता
उजाले की ओर / नरेन्द्र वाल्मीकि
हमारे पूर्वज
हमारा अभिमान है,
हमारे पूर्वज इस
देश की मूल संतान हैं,
हमारे पूर्वज कभी
शासक हुआ करते थे
इस देश के।
हमारे पूर्वजों को
गुलाम बनाकर
कराये गये घृणित कार्य
अब समय आ गया है
इन कार्यों को छोड़ने का
अपने पूर्वजों के गौरव को
आगे बढ़ाने का
बाबा साहब के दिखाए रास्तों
को अपनाते हुए,
बढ़ाने होंगे अपने कदम
उजाले की ओर।