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9 Feb 2018 · 1 min read

युवावस्था

युवावस्था आये
और सपनों की
फसल न उगे
ऐसा सम्भव नही
इसलिए हमारी
नवयुवा पीढी की
आँखे भी सपनो की
फसलों से लहलहा
रही है बल्कि हमारी
आज की युवा पीढी
के पास अगर बड़े
सपने है तो उन्हें पूरा
करने की एक जिद भी है
युवा दोस्तों,,,सपने देखना
तो खुली आँखों से देखना
तुम्हारी आँखे ही
तो वो रास्ता है
जो ज्ञान को मस्तिक्स
तक पहुचाता है
अपने सपने को रगते हुए
किसी को भी ये छूट न देना
कि कोई तुमसे एक
भी रँग छीन सके।।

Language: Hindi
534 Views
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