युवतियों को देखकर भटक जाता हूँ रास्ता
युवतियों को देखकर भटक जाता हूँ रास्ता
मैं युवा हूँ आज का
किसे जिम्मेदार कहूँ अपने इस व्यवहार के लिए
समाज को या अपने आप को
अपनी क्या बात करूं
परवरिश मेरी इसी समाज में हुई है
हिस्सा हूँ इसी समाज का
मैं युवा हूँ आज का ।
हमारे शौक अब बदलते जा रहे हैं
अपनों से दूर हम होते जा रहे हैं
आगे न जाने और क्या-क्या होने वाला है
हम युवाओं पर और भी दाग लगने वाला है
ये दाग बड़े गहरे होते जा रहे हैं
कोई तो सुझा दो इनसे बचाव का रास्ता
मैं युवा हूँ आज का ।