युद्ध
बेटी मैं देश की रक्षा करने जा रहा हूं
अब मैं चांद तारे न दिखा पाऊंगा
आसमान में होंगे गोला बारूद का धुवां
अब तारों की चमक नहीं होंगी
गोलों की चमकती रेखाएं होंगी
धरती की प्यास बुझाने को
बादलों का!!!!
प्यार भरी कड़कती आवाज नहीं होंगी
अब आसमान गरजेगा धरती पर
चीख पुकार सुनने को मलबा ही मलबा
देखने को !!!!
हर ओर सन्नाटा होगा,सिर्फ टैंक दौड़ेगा
सड़क पर किसी निरपराध को निगलने को
मैं खिलौने लेकर शायद, आ ही न पाऊं
या शायद, मैं खुद एक खिलौना बनकर आऊं
एक पांव वाला या,मात्र एक हाथ वाला
या बिलकुल सुन्न मैं या,मेरा दिमाग