युद्ध
युद्ध कभी भी अच्छा नहीं होता।
कोई काल हो कोई समय हो
बस लड़ाई और अंतहीन तबाही
जब कोई विकल्प नहीं बचता
अधिकार का जब हनन होता
वहां युद्ध हो जाते हैं।
नीति , अनीति सभी धरे रह जाते हैं।
नियम के विरुद्ध भी चले जाते हैं।
अहंकार भरा वह पल कहर बरपाते हैं।
मुश्किल भरा पल है।
निकलता नहीं जल्दी हल है ।
कौन हैं हम का अहंकार ।
पनपता क्यों नहीं मानव प्यार हैं।
हर हाल में शांति की है जरूरत
नही तो ये युद्ध ,महायुद्ध मे परिणत हो जाएगी।
पूरी दुनिया ध्वस्त हो जाएगी।
चेतना की उच्च शिखर पर पहुंचने की है जरूरत।
क्षुद्रता को छोड़ने की हैं जरूरत।
जीये और जीने देने की भावना की हैं जरूरत
विश्व में युद्ध नहीं शांति की हैं जरूरत।_ डॉ . सीमा कुमारी
बिहार, भागलपुर ,दिनांक-22-3-022की मौलिक स्वरचित रचना है जिसे आज प्रकाशित कर रही हूं।