Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2022 · 2 min read

युद्ध….

मानव सर्वबुद्धिमान व सर्वशक्तिमान प्राणी होने के साथ-साथ इतिहास के कालखंडो मे अपनी विवेक रूपी शक्ति का अनेक अवसरो मे अपने अहंकार को साबित करने के लिए दुरूपयोग किया है व मानव जीवन के एक बृहद समूह को काल के गाल मे डालने का कुकृत्य किया l धर्म इतिहास मे देखे तो शिवभक्त और महान तपश्वी रावण ने अहंकार व अमर्यादित तृष्णा से घिरकर मर्यादा पुरुषोत्तम राम की धर्मपत्नी का हरण किया साथ ही महाभारत की उपज भी अहंकार, अमर्यादा व लोभ की वजह से हुई l
कोई भी युद्ध बेशक़ दो व्यक्ति, संस्था या विचारों से शुरू हो लेकिन इसके परिणाम तात्कालिक ना होकर दीर्घकालिक होते है l जिसमे जन-धन की अपूर्व हानि के साथ साथ मानव जाति को भी सबक का कटोरा मिलता है l यह सबक का कटोरा बुद्धिजीवी प्राणी के लिए ज्यादा मायने रखता है की कब तक संजो कर रख सकता है l
एक सदी के अंदर दो विश्व युद्ध वा उसकी तबाही देखने के बाद भी आज विश्व फिर एक महायुद्ध के मुहाने पर खड़ा है l इसके परिणाम क्या होंगे यह तो आने वाला भविष्य ही बताएगा लेकिन रूस यूक्रेन व यूरोप को देखते हुए युद्ध के परिणाम को समझना असंभव है l
युद्ध के होने के पीछे हर राज्य की अपनी अपनी राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक व विदेश नीति की अलग परिभाषा होती है l यदि वर्तमान युद्ध को ले तो यह कहना गलत ना होगा की यूक्रेन को मोहरा बनाकर यूरोपीय देश अपने हथियार बेचने का एक नया बाजार तैयार कर रहे है साथ ही यूक्रेन का इस्तेमाल कुछ अफगानिस्तान जैसे किया जा सकता है और दशकों तक गुलामी के मोहरे का फायदा उठा सकते है l मानवीय दुहाये देकर थोड़ा मदद और ज्यादा से ज्यादा लूटपाट की जाएगी l अन्य अवसरवादी उदाहरणों मे वियतनाम युद्ध, खाड़ी युद्ध, अफगानिस्तान युद्ध आदि l
एक बात इन बहुमुखी मानवता वादी समाज को जरूर समझना चाहिए कि युद्ध मे आखिर लड़ता कौन है.. एक सैनिक llll जिसके अपने परिवार, घर,समाज, मित्र, बंधु सब होते है और लड़ाने वाले मानवता वादी ढोग रचकर अंत मे आपस मे गले मिलकर सब गिले – सिकवे भुला देते है l विशिष्ट बात यह है कि देश ने लाल,माँ- बाप ने उम्मीद , बहन ने राखी, बीवी ने सिन्दूर,बच्चो ने परछाई,जनमानस ने ज़मीन, संसाधन, रोजगार खोने के बाद चंद लम्हो मे याद करके लड़ाने वाले राजनेता शहीदो का नाम लेकर सालो साल राजनीतिक मलाई खाते है l किसी को ना बेजुमान माँ -बाप कि पड़ी ना बिलखती बहन की, ना होश खोये अर्धांगिनी की और ना ही आँखों मे बाप का इंतज़ार कर रहे बच्चो की l यही युद्ध की सच्चाई है…. मिट्टी बदन पर लगती पराई है l खोते है हम अपनों को लेकिन मलाई किसी और ने खाई है…. जय हिन्द

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 1 Comment · 218 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
राम नाम
राम नाम
पंकज प्रियम
“दो अपना तुम साथ मुझे”
“दो अपना तुम साथ मुझे”
DrLakshman Jha Parimal
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कलियुग में सतयुगी वचन लगभग अप्रासंगिक होते हैं।
कलियुग में सतयुगी वचन लगभग अप्रासंगिक होते हैं।
*Author प्रणय प्रभात*
डूबता सुरज हूँ मैं
डूबता सुरज हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
मंजिल
मंजिल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
पूर्वार्थ
घर आ जाओ अब महारानी (उपालंभ गीत)
घर आ जाओ अब महारानी (उपालंभ गीत)
दुष्यन्त 'बाबा'
‍ *राम-राम रटते तन त्यागा (कुछ चौपाइयॉं)*
‍ *राम-राम रटते तन त्यागा (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
बाबू जी
बाबू जी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
राख के ढेर की गर्मी
राख के ढेर की गर्मी
Atul "Krishn"
हमको ख़ामोश कर दिया
हमको ख़ामोश कर दिया
Dr fauzia Naseem shad
फागुनी है हवा
फागुनी है हवा
surenderpal vaidya
जीवन की धूल ..
जीवन की धूल ..
Shubham Pandey (S P)
"बिरसा मुण्डा"
Dr. Kishan tandon kranti
हे ईश्वर किसी की इतनी भी परीक्षा न लें
हे ईश्वर किसी की इतनी भी परीक्षा न लें
Gouri tiwari
ग्रामीण ओलंपिक खेल
ग्रामीण ओलंपिक खेल
Shankar N aanjna
हाँ, मैं कवि हूँ
हाँ, मैं कवि हूँ
gurudeenverma198
*कांच से अल्फाज़* पर समीक्षा *श्रीधर* जी द्वारा समीक्षा
*कांच से अल्फाज़* पर समीक्षा *श्रीधर* जी द्वारा समीक्षा
Surinder blackpen
उम्र भर प्रीति में मैं उलझता गया,
उम्र भर प्रीति में मैं उलझता गया,
Arvind trivedi
दिवाली
दिवाली
नूरफातिमा खातून नूरी
'गुमान' हिंदी ग़ज़ल
'गुमान' हिंदी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
__सुविचार__
__सुविचार__
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
Suryakant Dwivedi
चंदन माँ पन्ना की कल्पनाएँ
चंदन माँ पन्ना की कल्पनाएँ
Anil chobisa
विवाह रचाने वाले बंदर / MUSAFIR BAITHA
विवाह रचाने वाले बंदर / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
"सुस्त होती जिंदगी"
Dr Meenu Poonia
बादल
बादल
Shankar suman
वेलेंटाइन डे एक व्यवसाय है जिस दिन होटल और बॉटल( शराब) नशा औ
वेलेंटाइन डे एक व्यवसाय है जिस दिन होटल और बॉटल( शराब) नशा औ
Rj Anand Prajapati
जीवन मंत्र वृक्षों के तंत्र होते हैं
जीवन मंत्र वृक्षों के तंत्र होते हैं
Neeraj Agarwal
Loading...