*युगों-युगों से सदा रहे हम दोनों जीवन-साथी (मुक्तक)*
युगों-युगों से सदा रहे हम दोनों जीवन-साथी (मुक्तक)
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चलो नहाऍं आज चाँदनी में घूमें हम दोनों
चलो चाँद को अपने अधरों से चूमें हम दोनों
युगों-युगों से सदा रहे हम दोनों जीवन-साथी
चलो एक दूजे को पाकर फिर झूमें हम दोनों
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451