युगप्रवर्तक बाबा भीमराव आंबेडकर जी
सामाजिक परिवर्तन का बनाया विधान
स्वतंत्रता आंदोलन में दिया योगदान
अपने प्रतिभाशाली, बहुमुखी व्यक्तित्व से
सुप्रसिद्ध हुए भीमराव आंबेडकर जी महान!
दलित और पिछड़े वर्ग के मसीहा
नारी मुक्ति का जिसने बिगुल बजाया
पत्रकार, प्रोफ़ेसर, महानायक ने
धर्म-निरपेक्षता का पाठ पढ़ाया।
आँखों में आंबेडकर जी ने बसाया था
अखंड भारत का एक अलौकिक स्वप्न,
विश्वभर में डॉ. राव ने चलाया था
मानवाधिकार का जन आंदोलन।
प्रकांड विद्वता से बने महान
कानून, विधि का अर्जित किया ज्ञान।
भारत के भाग्यविधाता बन
भारतीय संविधान का किया निर्माण।
समानता के लिए संघर्षरत नेता
रखते थे सराहनीय दूरदर्शिता
कुचले वर्ग को दिलाकर समता
सामाजिक बदलाव की दिखाई क्षमता।
बौद्धिसत्व की लेकर दीक्षा
सुप्त मानसिकता को था जगाया
अपनी अतुलनीय सेवाओं के कारण
भीमराव ‘भारत रत्न’ कहलाया।
बाबा के अनुयायी सदाशिव रनपिसे ने पूणे से
प्रथम बार यह नियम चलाया
बाबा के जन्मदिन को ‘
आंबेडकर जयंती’ बनाया
14 अप्रैल को उनका जन्मदिन
समानता दिवस कहलाया।
उनकी वार्षिक जयंती ने ‘
ज्ञान दिवस’ का सम्मान पाया।
1956 में डॉ. भीमराव अंबेडकर जी ने
समाधि स्थल में विश्राम पाया
अपनी तुच्छ बुद्धि के बल पर
बाबा पर लिखने का खेमकिरण ने साहस जुटाया
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समाज सुधारक बाबा साहेब आंबेडकर को नमन!