Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jan 2023 · 1 min read

या’ रब तेरे जहान के

चुभते हुए इस दिल में
सवालात कितने हैं ।
या”रब तेरे जहान के
निगहबान कितने हैं ।।
सोचोगे ग़र कभी तो
सोचा न जायेगा ।
इंसानों की इस भीड़ में
इंसान कितने हैं ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
14 Likes · 279 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
अब तो आई शरण तिहारी
अब तो आई शरण तिहारी
Dr. Upasana Pandey
तेरा वादा.
तेरा वादा.
Heera S
*तीरथ-यात्रा तो मन से है, पर तन का स्वास्थ्य जरूरी है (राधेश
*तीरथ-यात्रा तो मन से है, पर तन का स्वास्थ्य जरूरी है (राधेश
Ravi Prakash
..
..
*प्रणय*
नवगीत : अरे, ये किसने गाया गान
नवगीत : अरे, ये किसने गाया गान
Sushila joshi
इंतज़ार करने की लत
इंतज़ार करने की लत
Chitra Bisht
*पयसी प्रवक्ता*
*पयसी प्रवक्ता*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Ice
Ice
Santosh kumar Miri
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
बेटियां / बेटे
बेटियां / बेटे
Mamta Singh Devaa
Education
Education
Mangilal 713
वसंत की बहार।
वसंत की बहार।
Anil Mishra Prahari
रिश्ते
रिश्ते
Ashwani Kumar Jaiswal
ज़िंदगी ख़त्म थोड़ी
ज़िंदगी ख़त्म थोड़ी
Dr fauzia Naseem shad
"सीख"
Dr. Kishan tandon kranti
हमें अपने जीवन के हर गतिविधि को जानना होगा,
हमें अपने जीवन के हर गतिविधि को जानना होगा,
Ravikesh Jha
नंगापन (कुण्डलियां छंद-) Vijay Kumar Pandey 'pyasa'
नंगापन (कुण्डलियां छंद-) Vijay Kumar Pandey 'pyasa'
Vijay kumar Pandey
करबो हरियर भुंईया
करबो हरियर भुंईया
Mahetaru madhukar
आज़ महका महका सा है सारा घर आंगन,
आज़ महका महका सा है सारा घर आंगन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
gurudeenverma198
इस ज़िंदगी के रंग कई होते हैं...
इस ज़िंदगी के रंग कई होते हैं...
Ajit Kumar "Karn"
करुण पुकार
करुण पुकार
Pushpa Tiwari
Mental health
Mental health
Bidyadhar Mantry
निकला वीर पहाड़ चीर💐
निकला वीर पहाड़ चीर💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
युवा आज़ाद
युवा आज़ाद
Sanjay ' शून्य'
जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य
जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आप हँसते हैं तो हँसते क्यूँ है
आप हँसते हैं तो हँसते क्यूँ है
Shweta Soni
मुझे आरज़ू नहीं मशहूर होने की
मुझे आरज़ू नहीं मशहूर होने की
Indu Singh
आशियाना
आशियाना
Dipak Kumar "Girja"
हास्य व्यंग्य
हास्य व्यंग्य
प्रीतम श्रावस्तवी
Loading...