यारो कोशिशें भी कमाल करती हैं
“यारो कोशिशें भी कमाल करती है।”
यूं ही नहीं मिल जाती मंजिंल,
सिर्फ एक पल भर सोचने से,
इंसान की कोशिशें भी कमाल करती हैं,
यूं ही नहीं मिलती ऱब की मेहरबानी,
दऱ बदर इबादत करनी पड़ती है,
गर तू प्रयत्नों की झडी़ लगायेगा,
हारते-हारते भी तू जीत जायेगा,
यारों ये कोशिशें ही कुछ कमाल करती हैं,
साधारण इंसान को भी महान बना देती है,
दोस्त तू जोश, जज्बा अपना कायम रख़,
हौसलों की बरसात में भिगो के रख़,
ये तेरी कोशिशें एक दिन साकार होंगी,
देख लेना तुझे भी मंजिल मिल जायेगी,
ये कोशिशें ही हमें आशा प्रदान करती हैं,
छोटी-छोटी कोशिशें ही नये आयाम देती हैं,
कोशिशें ही हमें नयी-नयी राह दिखाती हैं,
कोशिशें ही हमें समस्या के हल दिलाती हैं,
सिर्फ हिम्मत और हौसला मत खोने देना,
कोशिशें दऱ बद़र तू करते रहना,
याद़ रख, यूं ही नहीं रचते इतिहास पन्नों में,
इंसान की मेहनत ही कुछ ऐसा रंग ले आती है,
कोशिशें ही कुछ ऐसा कमाल कर जाती हैं।
हारे हुए बन्दे को भी बाजी जीता जाती हैं।
सुनील माहेश्वरी, दिल्ली।