याद
तुम्हें याद करने को रूह को काम पे लगाया है
जिस्म को तो यारा, मेरे फुरसत ही नही मिलती !
…सिद्धार्थ
२.
हरदम याद करते हैं, तेरे ही साथ रहते हैं
जिस्म की क्या बात करे तू
रुह की गली में तुझको ही ढूंढा करते हैं !
…सिद्धार्थ
३.
तुम्हें याद करने को रूह को काम पे लगाया है
जिस्म को तो यारा, मेरे फुरसत ही नही मिलती !
…सिद्धार्थ
२.
हरदम याद करते हैं, तेरे ही साथ रहते हैं
जिस्म की क्या बात करे तू
रुह की गली में तुझको ही ढूंढा करते हैं !
…सिद्धार्थ
३.