‘याद रहोगे’
हमेशा याद रहोगे,
यादों में, बातों से,
बिन मिली मुलाकातों से।
याद रहोगे हमेशा।
चेहरे से, मोहरे से,
एक एक शब्दों से,
कानों में बिन उतरी बातों से।
फिर भी याद रहोगे,
किसी तारीख से,
समय की सीख से,
बेवजह उल्झे ज़ज्बातों से।
हाँ कैसे भी,जैसे भी,
वैसे ही याद रहोगे,
सुख-दुख भरे हालातों से।
हमेशा याद रहोगे …